वित्तीय बाजार में भावनात्मक ट्रेडिंग से बचने के लिए नुकसान की सीमा पहले तय कर लें

शेयर या फॉरेक्स बाजार में बहुत सारे लोग इसलिए पैसे नहीं बना पाते हैं, क्योंकि वे ट्रेडिंग करते वक्त भावना के आवेग में फंस जाते हैं। भावनात्मक ट्रेडिंग करने से बड़ा नुकसान हो सकता है। ये पांच तरीके अपनाकर एक कारोबारी ट्रेडिंग करते वक्त भावना की चपेट में फंसने से बच सकता है।


ये हैं वो 5 तरीके




  1.  






  1. नुकसान की सीमा पर पहुंचने के बाद उस दिन ट्रेडिंग करना रोक दें


     


    फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक एक ट्रेडर को अपने दैनिक नुकसान की सीमा पहले से ही तय कर लेना चाहिए। जैसे ही आप इस सीमा पर पहुंचते हैं। उस दिन कारोबार करना बंद कर दीजिए। अगला कारोबार अगले दिन ही कीजिए।


     




  2. लगातार 3 घाटे या लाभ के बाद दिनभर के कारोबार बंद कर दें


     


    लगातार तीन बार लाभ उठाने या घाटा होने पर दिनभर के लिए ट्रेडिंग बंद कर दीजिए। लगाता तीन बार लाभ हो जाने पर हमें लगने लगता है कि हमसे अच्छा कोई ट्रेडर नहीं हो सकता है। इसके उलट लगातार तीन घाटे के बाद हम इसे अपने आत्मसम्मान का मुद्दा बना बैठते हैं और पहले से अधिक जोखिम लेकर बड़ा नुकसान कर सकते हैं।


     




  3. क्षमता से बड़ा दांव न लगाएं


     


    यदि आपको बाजार से डर लगने लगे, तो समझ लीजिए कि आप बहुत अधिक पैसे को दांव पर लगा रहे हैं। आप उतने पैसे से ही ट्रेड करें, जितने का घाटा उठाने के लिए आप पहले से और खुशी से तैयार हों। इसका यह मतलब नहीं कि आपको घाटा उठाना अच्छा लगता है। लेकिन यह घाटा इतना बड़ा न हो जाए कि आपको रात में नींद न आ सके।


     




  4. हर ट्रेड के बाद कुछ समय के लिए अपने कंप्यूटर से दूर हट जाएं


     


    हर एक ट्रेड के पूरा होते ही कुछ समय के लिए आप अपने कंप्यूटर के स्क्रीन से दूर हट जाएं। इस दौरान आप थोड़ा टहल सकते हैं। चाय बना सकते हैं। नाश्ता बना सकते हैं। अपनी माता जी को फोन कर सकते हैं। आपको यह महसूस होना चाहिए कि आप अपने नियंत्रण में हैं, बाजार के नियंत्रण में नहीं।


     




  5. ट्रेडिंग के वक्त रणनीति न बदलें


     


    ट्रेडिंग करते वक्त अपनी रणनीति पर कायम रहें। रणनीति बदलना भी कई बार जरूरी होता है। लेकिन यह काम ट्रेडिंग करते समय न करें। ट्रेडिंग करते वक्त रणनीति बदलने से कई बार भारी नुकसान हो सकता है।