आने वाले समय में बैंकिंग, मेटल और फार्मा सेक्टर दे सकते हैं अच्छा रिटर्न

भारतीय इक्विटी मार्केट में अभी तेजी का दौर है। निफ्टी और सेंसेक्स जैसे प्रमुख इंडेक्स ऑल टाइम हाई होने की वजह से चर्चा में हैं। मंगलवार को निफ्टी ने 12,132 और सेंसेक्स ने 41,120 का अपना उच्चतम स्तर छुआ था। ऐसे में कुछ लोग मौजूदा ट्रेंड पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन मार्केट अंतरराष्ट्रीय संकेतों के आधार पर तेजी में है। अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर में नरमी आने और एफपीआई भारतीय मार्केट में जमकर निवेश कर रहे हैं। इससे मार्केट में तेजी बनी हुई है। इसके अलावा मार्केट हमेशा भविष्य की ओर देखता है। मार्केट को भान है कि अर्थव्यवस्था से जुड़ा सबसे बुरा दौर बीत चुका है।



भारतीय बाजार में कॉरपोरेट टैक्स कटौती के बाद से तेजी का रुख है। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप अब भी कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं। तकनीकी तौर पर देखा जाए तो 11925 अंक का आंकड़ा निफ्टी के लिए नजदीकी समय में शॉर्ट टर्म सपोर्ट हो सकता है। यह आने वाले समय में 12300 से 12500 की ओर भी जा सकता है। जहां तक सेंसेक्स का सवाल है तो नजदीकी समय में 40,400 का आंकड़ा और आने वाले समय में 42,000 से 42,700 का स्तर छू सकता है। जहां तक सेक्टर का सवाल है तो बैंकिंग सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन जारी रह सकता है। मेटल सेक्टर में भी मजबूती कायम रह सकती है। अमेरिका-चीन ट्रेड डील से भी मेटल सेक्टर को बल मिला है। फार्मा सेक्टर लंबे समय से सुस्ती झेल रहा है। इसकी स्थिति बदल सकती है और यह आने वाले समय में बाकी सेक्टर को आउटपरफॉर्म कर सकता है।



अगर स्टॉक्स की बात करें तो बैंकिंग सेक्टर से कोटक बैंक अच्छा परफॉर्म कर सकता है। हम आने वाले दिनों में इस स्टॉक को 1725 के स्तर पर देख सकते हैं। फार्मा स्केटर में डॉक्टर रेड्डी अच्छी मजबूती दिखा रहा है और यह आने वाले समय में 3250 का स्तर हासिल कर सकता है। मेटल सेक्टर में जिंदल स्टीव एंड पावर सबसे मजबूत स्टॉक में से एक हो सकता है। इसे आने वाले दिनों में 171 के स्तर पर देखा जा सकता है।



दिसंबर में देश-विदेश से आने वाले आंकड़े अहम
दिसंबर में आने वाले ऑटो बिक्री के मासिक आंकड़े, आरबीआई पॉलिसी और अमेरिकी फेडरल बैंक की पॉलिसी मार्केट के लिए आने वाले समय में कुछ अहम ट्रिगर साबित हो सकते हैं। इसके अलावा फरवरी में पेश होने वाला आम बजट घरेलू फ्रंट पर सबसे बड़ा इवेंट होगा। अमेरिका-चीन ट्रेड डील शॉर्ट टर्म के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ा फैक्टर साबित होगा।